सेंसिटिविटी का अर्थ ये है कि – मन की जो स्थूल, ज़ोर की आवाजें होती हैं,
उनको ज़रा चुप रहने को बोल देना, ताकि सूक्ष्म सुनाई दे सके।
सेंसिटिविटी का अर्थ ही यही होता है – सूक्ष्म आवाज़ें सुन पाना।
आप कब बोलोगे कि – “ये रिकॉर्डर सेंसिटिव है?”
श्रोता १: जब हल्की-सी आवाज़ भी रिकॉर्ड हो रही हो।
वक्ता: जब वो हल्की-सी, सूक्ष्मतम आवाज़ को भी सुन ले – यही सेंसिटिविटी है।
और सूक्ष्मतम आवाज़ को तब सुन पायेगा ना जब पहले भारी,
कर्कश आवाज़ों से उसको मुक्ति मिले।
वो कर्कश आवाज़, वो भारी आवाज़, अहंकार की आवाज़ है।
ज्यों ही वो नहीं रहती, त्यों ही आपको सूक्ष्म आवाजें सुनाई देने लग जाती हैं।