वक्ता: आर्येन्द्र का सवाल है कि कुछ काम किया और असफलता मिली, तो मन में कुछ ऐसी गाँठ बन गयी है कि आगे भी काम
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मैं मन का गुलाम क्यों?
तो तुम ये कहना चाह रहे हो कि तुम मन से अलग कुछ हो। यही मान कर चल रहे हो ना? श्रोता : हाँ। वक्ता :
सम्बन्ध क्या हैं?
श्रोता: सम्बन्धों को कैसे बनाए रखें? वक्ता: पहले यह समझना पड़ेगा ‘सम्बन्ध’ माने क्या ? यह शब्द जब हमारे दिमाग में आता है तो इसके
न सामाजिक न पशु
जानते हो हिंदी में पशु को क्या कहा जाता है ? पशु l धातु है पाश और पाश का मतलब है बंधन l जो भी गुलाम है वही पशु है l “मनुष्य एक सामाजिक पशु है” कहने का अर्थ ये हुआ कि मनुष्य को पाश में – दासता में- अनिवार्यतः रहना ही होगा, कि दासता मनुष्य का प्रारब्ध है l
मौन और एकांत कोई समस्या नहीं
प्रश्न- सर, मेरी समस्या ये है कि मैं बहुत बोलता नहीं। मुझे अकेले रहना पसंद है। वक्ता- आयुष, ये एक स्थिति है कि तुम्हें बहुत