आपको बड़ा भ्रम है अगर आप सोचते है कि आप बिना स्वयं को जाने, सत्य को जाने, बिना पूरे तरीक़े से जाग्रत हुए प्रेमी हो
Category: उद्धरण
जो बाहरी को बाहरी जाने उसे कहते हैं भीतरी।
अब ध्यान से समझना। जो बाहरी को बाहरी जाने उसे कहते हैं भीतरी। बाहरी जो कुछ है वो वस्तु है, पदार्थ है, विचार है, कल्पना
परमात्मा भिखारी नहीं पैदा करता।
परमात्मा भिखारी नहीं पैदा करता। और तुम परमात्मा से ही मांग रहे हो और सिद्ध कर रहे हो कि परमात्मा ने तुमको भिखारी ही पैदा
हर वेला अमृतवेला है, लगातार नाम लेना है।
दिन कभी रात को नहीं जानता, रात कभी दिन को नहीं जानती। पर एक बिंदु होता है जहाँ रात और दिन, गले मिलते हैं। वो
जिसे सत्य का पता है उसके लिए सारे तथ्य सार्थक हो जाते हैं
तुम जिन शब्दों में दिन रात खेलते-कूदते रहते हो, तुम जिन शब्दों में लगातार जी रहे हो, जो शब्द तुम्हारे मानस-पटल पर दिन-रात उभरते रहते
गुरु है ही वो जिसका मौन, शब्द रूप में उच्चारित होता हो
गुरु की परिभाषा ही यही है – गुरु है ही वो जिसका मौन, शब्द रूप में उच्चारित होता हो, वही गुरु है। जो भी आप